मंदिरों में बन्दी का असर, बदहाली में रामनगरी का जनजीवन
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मिल रही अन्य व्यापारिक क्षेत्रो की छूट के तर्ज पर मिले मंदिरों को भी छूट
नन्द मोहन
अयोध्या। श्रीरामनगरी के सौन्दर्य, वैभव व संपन्नता का वर्णन युगो युगो से वेद पुराण करते रहे है, तथा यह नगर श्रीराम नाम श्रीकिर्तन के गुंजायमान स्वर लहरियों से सदा शुशोभित रहा है। इस नगर के नौजवान बूढ़े बच्चे रामराज्य की खुशाल जीवन में पले हुए है, मगर आज इस नगर का जनजीवन बीते महीनो से कोरोना सक्रमण महामारी के लॉक डाउन के करण बदहाली के दौर से गुजर रहा है। दर्शनार्थियों के लिए बन्द मंदिरों के कपाट कब खुलेंगे, इस नगर में जन जीवन कब सामान्य होगा, चूड़ी, प्रशाद, फूल माल के छोटे व्यपर से जीवन यापन करने वालो की दुकानें कब खुलेगी, सरयू घाट पर श्रद्धालुओं के दान पुण्य से जीविका चलने वाले व नाव चलाने वाले मल्लाहों सहित मंदिरों में पूजा पाठ करने वाले पुजारी, पंडो, साधु संतो के खुशाली के दिन कब बहुरेंगे, इसकी उम्मीद के तो कोई आसार फिरहाल दूर दूर तक नजर नही आ रही है। जिसके चलते कोरोना संकट की इस विषम परिस्थिति में नगर की आर्थिक स्थिति को लेकर साधु संत समाज सहित आमजन काफी निराश व चिंतित हैं।
कोरोना से उतपन्न इस माहा त्रासदी को लेकर सिद्ध पीठ श्रीहनुमंगढ़ी के महंत श्रीप्रेमदासजी गद्दीनशीन के शिष्य प्राचार्य, हनुमत संस्कृत महाविद्याल के डॉ. महेशदास कहते हैं कि कोरोना वैश्विक महामारी से पूरा मानव समाज सकंट में है। देश में चल रही लम्बे समय से बन्दी के कारण मानव समाज आर्थिक त्रासदी के दौर से गुजर रहा है। जिसका असर साधु, संत समाज सहित अयोध्या के आमजन पर भी पड़ा है। मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक से साधु संतों व छोटे व्यापारी जिनकी जीविका मंदिर पर आश्रित है। उनका जीवन यापन मुश्किल के दौर में है। ऐसी परिस्थिति में हम चाहते हैं, कि सरकार द्वारा मन्दिर में स्थानीय लोगो को सोसल डिस्टेंसिग नियम के तहत प्रवेश की इजाजत दी जाय। जैसा निर्णय अन्य व्यापार क्षेत्रों में लिया जा रहा है। साथ ही आर्थिक तौर पर परेसान साधु, संत समाज को भी आर्थिक सहायता प्रदान कीजाय जिससे इनके भी जीवन की सुरक्षा सुनिश्चि हो सके।
हनुमानगढ़ी के पुजारी रिंकुदास ने भी सरकार से अन्य व्यापार में मिले छूट की तरह ही हनुमान गढ़ी सहित नगर के अन्य मंदिरों में दर्शन पर छूट की अपील करते है, और कहते हैं कि लम्बे समय के लॉक डाउन से साधु संत समाज काफी परेशान हैं। आज इस समाज को सरकार के सहयोग की आवश्यक्ता हैं। मंदिर और कुछ दिन इसी तरह बंद रहा तो लोग भूखमरी के शिकार हो जाएंगे।
आचार्य सुशिल पांडे जो वैदिक कर्मकांड के जानकार है उनका कहना है कि सरकार को अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान व मंदिरों में लगी दर्शन करने वालो पर रोक पर, अब जल्द से जल्द सोशल डिस्टेंसिग नियम के तहत छूट मिलनी चाहिए। क्योंकि हजारो लोगो की जीवक खतरे में है। पूजा पाठ यज्ञ अनुश्ठान से अपना व परिवार का भरण पोषण करने वाले हजारो परिवार गरीबी के आखिरी पायदान पर खड़े हैं। ऐसे में सरकार को इनकी स्थिती का भी अब बिचर करना चाहिए।
रामनगरी स्मारक सदन के राजीव रंजन पांडे मृदंगाचार्य सरकार से कोरोना से उतपन्न आर्थिक तंगी पर कहते हैं कि पूरा विश्व करोना महामारी के चपेट में है। जिसेको हम सब अयोध्या वासी मिलकर दूर भगाने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। मगर आर्थिक तंगी से यह जंग कमजोर होता प्रतीत हो रहा है। मैं पेशे से एक संगीतकार हूं देश के प्रति मेरा भी दायित्व है कि हम सब करोना महामारी से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मगर इस महामारी की वजह से छोटे तबके के लोग जैसे मजदूर सब्जी बेचने वाले जो रोजमर्रा काम करते हैं उन्हें सहयोग की आवश्यक्ता है। साथ बहुत से छोटे सगीतकर व कुछ हमारे शिष्य कोरोना बन्दी के कारण आर्थिक तौर पर काफी परेसान है। कथा भागवत प्रोग्राम में सगीत कार्यकम से अपना जीवन यापन करने वाले। इन लोगो की जीविका पूरी तरह से लाचारी के दौर में है। ऐसे में इनको भी सरकार व समाज से छूट या अन्य आर्थिक सहयोग की दरकार है। अगर इनका जल्द कोई व्यवस्था नही की गई तो इनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।
रामनगरी के भागवत कथा व्यास आचार्य धीरज कृष्ण
सुंदर भवन हनुमान गढ़ी के कहते की इस कोरॉना नामक वैश्विक महामारी के चलते समस्त होने वाली कथाएं स्थगित हो गई।। जिससे कथाकारों व कलाकारों पर भी इस महामारी का कुप्रभाव पड़ा है। आज के समय की ये दशा है कि सारी टेक्नोलॉजी के रहते भी व्यक्ति कुछ नहीं कर पा रहा है। सच है ! प्रभु की इच्छा के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता। देश दुनिया में भागवत कथा का प्रचार प्रसार करने वाले हजारो लोग आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुके हैं। जिन्हें समाज के सहयोग व सरकार से मिलने वाली अन्य व्यापरो की तरह छूट की जरूरत है। सरकार को श्रीरामनगरी के आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए सशर्त छूट के देने की योजना बनाने की जरूरत है। क्योकि सैकड़ो कथा व्यास अपने घरों में महीने भर से बैठे हुए हैं। जिनका जीवन यापन व्यवस्था दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
देर की अंधेर में फसा लॉक डाउन के लाभार्थियों का जीवन
रामनगरी में कोरोना बीमारी के लॉक डाउन के कारण अपनी रोजी रोजगर खो बैठे नगरवासी सरकार से मदद की लम्बे समय से इंतजार कर रहे। रासन कार्ड न होने के कारण सरकार द्वारा रसन भी इन्हें उपलब्ध नही हो पा रहा है। इनमे से कुछ ने तो सरकार के निर्देश पर राशन कार्ड बनने के लिए ऑनलाइन अप्लाई भी कर रखा है। मगर लम्बे समय बीत जाने पर भी इनका राशन कार्ड अभी तक जारी नही हो सका है। कुछ का जारी भी हुआ है तो अभी कार्ड पर सरकार द्वारा राशन नही उपलब्ध हो पा रहा है। ऐसे में ए गरीबी लोग अपना व अपने परिवार का जीवन यापन कैसे करे इन्हें समझ नही आ रहा है। गरबी में इनका जीवन बहुत ही मुश्किल दौर में है। सरकार से राशन की सिफारिस करते हुए इनकी जुबान भी अब सही ढंग से साथ नही दे रही है। आयोध्या नगर के बाबू दास सरयू नगर कॉलोनी, सुधारा देवी, मोनी बाबा सोना देवी मार्ग, कमला देवी सरयू नगर कालोनी, मीरा दासी,गीता देवी, विजया लक्ष्मी, दुर्गावती देवी, शिव लाल,सुनीता देवी, नीलम सिंह, साधना शुक्ला सोनादेवी मार्ग वसुदेवघट, माला यादव अवधपुरी फेस अमानीगंज कालोनी फैजाबाद, सपना शर्मा बल्दा साहबगंज, कौशिल्या देवी वसुदेवघट, दुलारचंद नयाघाट, हरिश्चंद दास नयाघाट, नीलम उपाध्याय हनुमत नगर, लक्ष्मण दास चरण पादुका, पिंकी, हिना पाण्डेय, जलेश्वर गिरी, रीता वर्मा, पूनम मिश्रा, लालिमा देवी लवकुशनगर, राजकुमारी कांशीराम कालोनी, आरती देवी चौरसिया लवकुशनगर, अंजलि तिवारी तुलसी वाड़ी रामघाट,पूनम देवी, संकरा देवी, प्रतिभा पाण्डेय, भारती देवी स्वर्ग द्वार, शिव कुमारी देवी माझा बरहटा, किस्मता देवी जैसे सैकड़ो लोग हैं जिन्हें सरकार द्वारा रासन की जरूरत है है मगर लॉक डाउन के चलते लोग परेसान तो है मगर सरकार द्वारा मिल रही किसी भी व्यवस्था का लाभ नही पा रहे हैं। जिनका कहना है कि लॉक डाउन में हमार रोजगार तो बन्द ही पड़ा है साथ ही सरकार की कोई मदद भी हमे नही मिल पा रहा है। हमारा जीवन कैसे चलेगा कुछ भी समझ नही रहा है। महीने भर से ऊपर हो गया है अब घर का रासन भी पूरी तरह से खत्म ही हो चुके हैं। अब आगे भगवान ही अब हमारी रक्षा करे।