श्रीरामजन्मभूमि परिसर में 28 वर्षो बाद लहराया भगवा
अयोध्या। भव्य श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण से पहले मंदिर परिसर को भगवामय किया जा रहा है। इस क्रम में कारसेवक पुरम की तरह ही श्रीराम मन्दिर के 67ण्7 एकड़ परिसर में चारों तरफ भगवा झंडा लगाया गया है। मंदिर परिसर में धार्मिक वातावरण बनाने के लिए भगवा झंडा लगाया गया है। सबसे बड़ी बात यह है की पूरे 28 वर्षों के बाद परिसर में भगवा ध्वज देखने को मिला है।
श्रीरामजन्मभूमि में 6 दिसंबर 1992 के बाद पहली बार भगवा झंडा लहराया गया है। इसके साथ ही पूरे परिसर को भगवामय कर दिया गया है। ज्ञातब्य हो कि श्रीरामलला विराजमान के पक्ष में आये फैसले के बाद मंदिर निर्माण का कार्य ने अब रफ्तार पकड़ ली है। अब समतलीकरण के बाद फाउंडेशन बनाए जाने की तैयारी है। मगर इसके पूर्व धार्मिक माहौल तैयार करने के लिए पूरे परिसर को भगवा कर दिया गया है।
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसारए रामजन्मभूमि परिषद जब विवादित था उस समय किसी संप्रदाय व धर्म का झंडा नहीं लगाया जा सकता था। उस समय कोर्ट का स्थगन आदेश था । लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। इसके लिए ट्रस्ट ने पूरे परिसर कि चारों तरफ भगवा झंडा लगाया है। यह झंडा 6 दिसंबर 1992 के बाद लगभग 28 वर्ष तकए किसी भी प्रकार से भगवा झंडा नहीं लगाया जा सका। आगे बताते है किए एक लंबे अरसे से राम भक्तों की मनसा रही हैए मंदिर परिसर के पास भगवा झंडा लगाने कीए जोकि आज पूरी होती नजर आ रही है।
वहीं विहिप के लोगो के अनुसार राम जन्मभूमि पर जब पहला ध्वज लगाए उसी समय 30 अक्टूबर व 2 नवंबर 1990 के कारसेवा की शुरुआत हुई । जिसके लिए लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। इसके बाद 6 दिसंबर 1992 को जब वाघाचा ध्वस्त हुआ तो वहां पर भगवा लगा दिया गया। जिसके बाद से अब तक 28 वर्ष हो गए हैं। आगे बताते हैं कि भगवान श्रीराम सूर्यवंशी हैं जिसके कारण उस स्थान पर भगवा वातावरण होना ही है। इसलिए ही श्रीराम जन्मभूमि निर्माण तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा पूरे परिसर को भगवामय किया गया है। यह ध्वज भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के दौरान नहीं लगाया जा सकाए लेकिन अब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैए जिसको लेकर ट्रस्ट के द्वारा भगवा ध्वज लगाया गया है।
श्रीरामनगरी में श्रद्धालुओ ने 75 दिनों बाद किया मंदिरों में दर्शन
सरकार के द्वार जारी एडवाजरी का हुआ सत प्रतिसत पालन
रामनगरी में लौटते रौनक की पहली तस्वीर
अयोध्या। मंदिरों की नगरी अयोध्या में सोमवार को सभी मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। लॉक डाउन के पूरे 75वे दिन नगर के प्रमुख मंदिर हनुमानगढ़ीए कनक भवनए नागेश्वरनाथए क्षीरेश्वरनाथए छोटी छावनीए बड़ी छावनीए दसरथ महल सहित अन्य छोटे बड़े मंदिरों में श्रद्धलुओं ने मंदिर के अंदर जाकर किया दर्शनए पूजाए अर्चना। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग के नियम को पालन करने के लिए पुलिस सुरक्षा कर्मी मंदिर गेट पर मुस्तैद दिखे। हालाकि की मंदिरों में दर्शन को पहुचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य ही रही। मगर सभी ने निर्धारित प्रशासन के नियम का सात प्रतिसत पालन किया। तथा इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग सहित सेनिटीज करने के बाद ही प्रशासन ने लोगों को अंदर प्रवेश करने दिया।
ज्ञातव्य हो कि ढाई महीने से अधिक बंदी के चलतेए लोगो मे करोंना को लेकर जागरूकता का असर आज देखने को मिला। नगर के साधुए संतो के अनुसार मंदिरों में भक्तो का सामान्य चहल पहल लोगों का करोंना को लेकर जागरूकता का परिचायक है। लोग अब स्वयं संक्रमण का खतरा मोल नही लेना चाहते। जो एक बहुत ही अच्छी बात है। संतो का आगे कहना है किए मंदिरी में लोगों के बचाव के किए गए प्रशासन द्वारा व्यवस्था के चलतेए लोग पूरी तरह से सुक्षित रहते हुए मंदिरों में दर्शन कर सकेगे। आगे कहते हैं कि आज मंदिरों में भक्तों के अवागमन से यह तो तय हो गया है की आने वाले दिनों में अयोध्या में रौनक लौटने वाली है।
श्रीनागेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु गर्भगृह में जल नहीं चढ़ा सकेंगे
श्रीनागेश्वर नाथ मंदिर में अब श्रद्धालु मंदिर के अंदर जल नहीं चढ़ा पाएंगे उनका जल बाहर से चढ़ेगा गेट के बाहर से लोटे से जल डालेंगे उनका जल डायरेक्ट भगवान भोलेनाथ के ऊपर गिरेगा यह व्यवस्था मंदिर की तरफ से कराई गई है । अयोधया के उच्च अधिकारी देखकर इस व्यवस्था को काफी तारीफ मंदिर प्रशासन को कर रहे हैं। मंदिर खुलने से पहले इस व्यवस्था को चालू कराया गया है। अयोध्या के सभी अधिकारी मौके पर अयोध्या के सभी मंदिर का निरीक्षण किए है।सीओ अयोध्या ऐडीयम सिटी मजिस्ट्रेट साहब चौकी प्रभारी लक्ष्मण घाट चौकी प्रभारी नयाघाट।