संतो की मांग मंदिरों में स्थानीय श्रद्धालुओं को दर्शन की सशर्त मिले इजाजत
रामननगरी के संतो का सरकार से मांगाए आर्थिक मदद सहित दर्शन की मिले इजाजत
अयोध्या। लॉक डाउन 4ण्0 के पहले दिन की सुरुआत रामनगरी बीते दिनों की भांति ही हुई। हालाकि सरकार द्वारा जारी नये निर्देशो में काफी रियायत दी गई हैए इसके बजूद रामनगरी के मंदिरों में लगी दर्शनार्थियों पर रोक व पर्यटन के अभाव का असर साफ दिख रहा है। जैसे जैसे लॉक डाउन का समय बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे रामनगरी की जीवनदायी नब्ज धीमी होती होती जा रही है। अब तो हालात इतनी दयनीय होती जा रही है कि नगर के साधु संतए सहित आमजन सरकार से आर्थिक मदद व मंदिर खोलने की गुहार लगा रहे हैं।
बात दे कि लॉक डाउन इंडिया फाइट कोरोना का जोस रामनगरी में बिलुकल शांत हो चुका है। जिधर भी देखिए बस सन्नाटा ही सन्नाटा नजर आ रहा है। लोग अब कोरोना से कम त्रसदी के ख़ौफ़ में ज्यादे जी रहे। अब कोरोना की बात कहने सुनने को भी कम लोग ही तैयार है। लोगो को अपना व परिवार की जीविका की चिंता सताने लगी हैं। मंदिरों के न खुलने की दशा बिना कर्फ्यू के ही नगर में कर्फ्यू जैसा नजारा है। मौत से भी ख़ौफ़नाक लोगो को आने वाला समय लगने लगा। नगर के साधु संत अब प्रदेश की सरकार से सशर्त मन्दिर खोलने की मांग कर रहे हैं। संत अयोध्या के मंदिरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्थानीय लोगों को मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना करने की मांग कर रहे है। संतो के का कहना है कि जिस तरह से आमजन परेशान है उसी तरह अयोध्या के साधु.संत भी परेशान हैं। अगर दारुए शराब की दुकान खोली जा सकती हैए तो मंदिरों के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों को भी भगवान के पूजा पाठ व मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति भी मिलनी चाहिए। हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने तो वीडियो जारी करते हुए केंद्र सरकार से मांग किया है कि जिस प्रकार से आम जनमानस अपनी रोजी.रोटी को लेकर परेशान हैए उसी तरह अयोध्या के मंदिरों में रहने वाले साधू संत पूजारी भी मंदिरों की व्यवस्था को लेकर काफी चिंतित है। महीनों से बंद मंदिरों में स्थानीय लोगों को प्रवेश दिए जाने की अनुमति दी जाएए जिससे कि मंदिरों का कार्य भी सकुशल से चल सके।