पहले ही दौरे में नजर आ गई पुलिस अफसरों की बेपरवाही

पहले ही दौरे में नजर आ गई पुलिस अफसरों की बेपरवाही
 

गोरखपुर। जिले के पुलिस नोडल अधिकारी एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने सोमवार को अपना पहला दौरा किया। कानून व्यवस्था कायम करने में पुलिस पास रही, मगर अन्य इंतजाम में कमियां ही नजर आईं। पहले ही दौरे में पुलिस अफसरों की सुस्ती और बेपरवाही उजागर हो गई। पुलिस लाइंस में नोडल अधिकारी का कार्यक्रम तय होने के बावजूद बैरकों की सफाई तक नहीं हो सकी थी। सुबह साढ़े बजे पहुंचे डीके ठाकुर सलामी से पहले सीधे बैरकों में गए तो जाले और गंदगी ही मिली। वहां से पुराने मेस गए तो फर्श टूटी थी। बड़ी बात यह कि उनके सवालों का जवाब ना तो लाइंस का काम देख रहे एसपी, सीओ के पास था और ना ही कार्यवाहक आरआई के पास। बाद में एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला।
एडीजी डीके ठाकुर का गोरखपुर का दो दिवसीय दौरा सोमवार से शुरू हुआ। सुबह 10:30 बजे वह पुलिस लाइंस में निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां पर सलामी लेना था लेकिन इसके पहले वह सीधे बैरकों का हाल देखने पहुंच गए। निरीक्षण के बाद यह भी पता चला कि एडीजी के महत्वपूर्ण दौरे के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बाद भी एसपी लाइंस या सीओ लाइंस ने कोई तैयारी नहीं कराई थी। दोनों अधिकारियों को मरम्मत के नाम पर बजट तक की जानकारी नहीं थी। कार्यवाहक आरआई होने की वजह से उन्हें ज्यादा जानकारी ही नहीं थी। डीके ठाकुर ने सिपाही के साथ महिला सिपाहियों के बैरकों का भी निरीक्षण किया। यहां छतों मेें सीलन, दिवारों से टूट रहे प्लास्टर नजर आए। साफ-सफाई की कमी भी दिखी। उन्होंने एसपी और सीओ से मरम्मत के बजट के बारे में पूछा तो फौरी तौर पर कोई जवाब नहीं मिला। हाथ से इशारा कर कोनों में लगे मकड़ी के जाले को दिखाया और सफाई पर सवाल उठाया, फिर अफसर सफाई देते नजर आए। मेस में गए तो वहां की टूटी फर्श को दिखाया। एसपी लाइंस को यह तक नहीं मालूम था कि फालोवरों की संख्या कितनी है। निरीक्षण के बाद लौटे एडीजी ने सलामी ली।
..
इन सवालों का जवाब नहीं
0 अंतिम बार बंदी कब भागे थे?
0 बैरक की सफाई नहीं होती क्या? होती है तो जाले क्यों लगे?
0 बजट कितना आवंटित है? आखिरी बार कब निरीक्षण किया गया?
0 सफाई पर कभी कोई पहल भी की गई?